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भारत गैस बुकिंग मोबाइल नंबर चेंज – Bharat Gas Online Number Kaise Badle
नमस्कार दोस्तों, इस वीडियो में हम आपको बताने वाले है की भारत गैस में मोबाइल नंबर कैसे बदले।
भारत गैस की मिस कॉल के माध्यम से बुकिंग करने के लिए आपके पास मोबाइल नंबर होना चईये।
अगर आपका मोबाइल नंबर खो गया है तो आप इस तरह आपका नया मोबाइल onlनंबर भारत गैस में रजिस्टर्ड करावा सकते है। जिसे आपको गैस बुकिंग करने में आसानी हो जाएगी।
पीएफ केवायसी मतलब आपको आपके आधार नंबर ,पेन नंबर, बैंक अकाउंट नंबर अपने पीएफ खाता से लिंक करना होता है. अब इस प्रक्रिया को ऑनलाइन भी कर सकते है. सरकार ने EPF अकाउंट को आधार और अन्य दस्तावेजों से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है. EPFO ने KYC अपडेट प्रकिर्या को आसान बनाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर ये सुविधा शुरू कर दी है। KYC अपडेट कर के अन्य लाभ भी होते हैं जैसे, अकाउंट को असानी से चलाना, पैसा निकालने पर कम TDS कटना आदि.
EPF अकाउंट में KYC जानकारी अपडेट करना बहुत आसान है. इसके लिए आपको नीचे दिए गए तरीके को अपनाने की ज़रूरत है: अगर आपके पास UAN(Universal Account Number) है जो कि 12 अंको का होता है और अपने आपका लोगिन password पत्ता है. और आपका UAN active है. तो आप निच्चे दिये गये विडीओ के जरे आपके PF कि केवायसी करे सकते है.
ऑनलाइन पीएफ केवायसी करने के लिए क्या जरुरी होता है ?
अगर आपके पास UAN(Universal Account Number) है जो कि 12 अंको का होता है और अपने आपका लोगिन password पत्ता है. और आपका UAN active है. तो आप निच्चे दिये गये विडीओ के जरे आपके PF कि केवायसी करे सकते है.
ऑनलाइन पीएफ केवायसी करने के लिए कोन कोन से document लगते है ?
(pf kyc documents required)
सबसे पहले आपको सभी document स्कॅन करने मोबईल मे या कॉम्पुटर पे तयार रखने होते है. document file jpeg या पीडीएफ के format मे होने चाहिये.
pf kyc के फायदे
इसके बिना पीएफ खातों से पैसा नहीं निकाला जा सकता
जिन खातों में KYC डॉक्यूमेंट की प्रक्रिया पूरी हुई रहती है उन्हें कभी भी पैसे ट्रांसफर या निकासी में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है
अगर आपने केवाइसी डॉक्यूमेंट्स जमा नहीं करा रखे हैं तो ईपीएफ सदस्य को कोई एसएमएस अलर्ट आपको नहीं मिलेगा
3 दिन में निकल जाएगा पैसा
ईपीएफओ यूएएन पोर्टल https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ पर जाकर आप अपना KYC अपडेट कर सकते हैं.
एसबीआई क्रेडिट कार्ड लेन-देन का ईएमआई कैसे करे? अगर आपकि यही समस्या है तो आप सही page पर आए हो. SBI Flexipay क्या है ?
Flexipay मौजूदा एसबीआई क्रेडिट कार्डधारकों को दी जाने वाली सुविधा है जो उनकी बड़ी खरीद को आसान मासिक किस्तों में परिवर्तित करती है. कोई भी SBI कार्ड धारक, 500 से अधिक के लेन-देन को 30 दिनों के भीतर लेनदेन को Flexipay में बदल सकता है. अगर आप भी इस सुविधा ला लाभ लेना चाहते है तो देखे यह विडीओ. एसबीआई क्रेडिट (sbi credit card) का कोई भी transaction जो 500 से उपर है उसको आप emi मे बदल सकते. Flexipay पे कितना इंटरेस्ट रेट लगता है ?
एसबीआई कार्ड मर्चेंट ईएमआई 3, 6, 9, 12 महीने के कार्यकाल के लिए मासिक कम शेष पर लागू ब्याज की 14% वार्षिक दर पर उपलब्ध है, और 18 और 24 महीने के कार्यकाल के लिए मासिक कम करने की शेष राशि पर लागू ब्याज की 15% वार्षिक दर है। एसबीआई क्रेडिट कार्ड का ईएमआई कैसे करे ? उसके लिए देखे यह विडीओ -
How to convert SBI credit card transaction into EMI | sbi credit card emi convert
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Kotak
Mahindra Bank अपने ग्राहको को सिर्फ ५ मिनिट मे आनलाइन
बचत खाता(saving account) खोलने कि सुविधा उपलब्ध कराती है. उसके लिए सिर्फ आपके
आधार के साथ आपका मोबईल number registered होना चाइऐ. जिसके उपर आपको एक OTP आयेगा
जो आनलाइन बचत खाता खुलवाने के समय काम मे आता है. इस Saving
Account मे आपको आपकी जमा राशी के उपर 6% ब्याज
प्रदान किया जाता है.अधिक जानकारी के लिए यह Video जरूर देखे.
Kotak 811 Savings Account ओपन करने
के लिए आवश्यक दस्तावेज –
अपने मोबाइल के
द्वारा घर बैठे 5 मिनट में Kotak Mahindra Bank में Saving Account ओपन करने के लिए
आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है –
·आधार कार्ड
·पैन कार्ड
·मोबाइल नंबर
·और Android/IOS मोबाइल
Kotak 811 Savings Account ओपन करने पर मिलने वाली सुविधाएं –
·कोटक Bank अपने ग्राहकों को Saving Account पर 6% तक का ब्याज प्रदान करती है |
·Kotak
Mahindra Bank में कोई भी ग्राहक
जीरो बैलेंस पर Saving
Account ओपन कर सकता है |
·बैंक द्वारा ग्राहकों को वर्चुअल डेबिट कार्ड
भी प्रदान किया जाता है | जिसका इस्तेमाल
ग्राहक ऑनलाइन पेमेंट , शॉपिंग आदि में भी
कर सकते हैं |
·यदि ग्राहक को फिजिकल डेबिट कार्ड की आवश्यकता
हो तो वह इसके लिए भी आवेदन कर सकता है |
·कोटक महिंद्रा बैंक 811
सेविंग अकाउंटमें आपको नेट बैंकिंग , मोबाइल बैंकिंग , नेफ्ट , आरटीजीएस आदि कि सुविधाएं भी प्रदान की जाती
हैं |
Sinhagad Fort – ४४०० फूट उंचीचा हा किल्ला गिरीदुर्ग प्रकारातील आहे.
पुणे जिल्ह्यातील पुणे डोंगररांगेतील हा किल्ला ट्रेकर्स च्या दृष्टीने सोपा समजला जातो.
पुण्याच्या नैऋत्येला साधारण २५ कि.मी. अंतरावर असणारा हा किल्ला समुद्रसपाटीपासून सुमारे ४४०० फूट उंच आहे. सह्याद्रीच्या पूर्व शाखेवर पसरलेल्या भुलेश्वराच्या रांगेवर हा गड आहे. दोन पायऱ्यांसारखा दिसणारा खांदकड्याचा भाग आणि दूरदर्शनचा उभारलेला मनोरा ह्यामुळे पुण्यातून कुठूनही तो पटकन ध्यानी येतो. पुरंदर, राजगड, तोरणा, लोहगड, विसापूर, तुंग असा प्रचंड मुलूख गडावरुन दिसतो.
इतिहास
हा किल्ला पूर्वी आदिलशाहीत होता. दादोजी कोंडदेव हे विजापूरकरांकडून म्हणजेच आदिलशाहीकडून सुभेदार म्हणून नेमले होते. पुढे इ.स. १६४७ मध्ये दादोजी कोंडदेवाचे निधन झाल्यावर कोंडाण्यावरील किल्लेदार सिद्दी अंबर याला लाच देऊन शिवाजी महाराजांनी हा किल्ला स्वराज्यात आणला व या गडावर आपले लष्करी केंद्र बनवले. पुढे इ.स. १६४९ मध्ये शहाजी राजांच्या सुटकेसाठी शिवाजी महाराजांनी तो परत आदिलशहाला दिला. पुरंदरच्या तहात जे किल्ले मोगलांना दिले त्यामध्ये सिंहगड पण होता. मोगलांतर्फे उदेभान राठोड हा कोंडाण्याचा अधिकारी होता. हा मूळचा राजपूत होत पण तो बाटून मुसलमान झाला.
सिंहगड हा मुख्यतः प्रसिद्ध आहे तो तानाजी मालुसरे यांच्या बलिदानामुळे. शिवाजी महाराज जेव्हा आग्ऱ्याहून सुटून परत आले तेव्हा त्यांनी दिलेले गड परत घ्यायला सुरुवात केली. तेव्हा तानाजीने कोंडाणा आपण घेतो म्हणून कबूल केले. या युद्धाबाबत सभासद बखरीत पुढीलप्रमाणे उल्लेख आढळतो:तानाजी मालूसरा म्हणून हजारी मावळ्यांचा होता त्याने कबूल केले की, ‘कोंडाणा आपण घेतो’, असे कबूल करून वस्त्रे, विडे घेऊन गडाचे यत्नास ५०० माणूस घेऊन गडाखाली गेला आणि दोघे मावळे बरे, मर्दाने निवडून रात्री गडाच्या कड्यावरून चढवले. गडावर उदेभान रजपूत होता त्यांस कळले की, गनिमाचे लोक आले. ही खबर कळून कुल रजपूत कंबरबस्ता होऊन, हाती तोहा बार घेऊन, हिलाल (मशाल), चंद्रज्योती लावून बाराशे माणूस तोफाची व तिरंदाज, बरचीवाले, चालून आले. तेव्हा मावळे लोकांनी फौजेवर रजपुतांचे चालून घेतले. मोठे युद्ध एक प्रहर झाले. पाचशे रजपूत ठार झाले. उदेभान किल्लेदार खाशा त्यांशी व तानाजी मालुसरा सुभेदार यांशी गाठ पडली. दोघे मोठे युद्ध, महाशूर, एक एकावर पडले. तानाजीचे डावे हातची ढाल तुटली. दुसरी ढाल समयास आली नाही. मग तानाजीने आपले डावे हाताची ढाल करून त्याजवरि वोढ घेऊन, दोघे महारागास पेटले. दोघे ठार झाले. मग सूर्याजी मालूसरा (तानाजीचा भाऊ), याने हिंमत धरून, कुललोक सावरून, उरले राजपुत मारिले. किल्ला काबीज केला. शिवाजी महाराजांना गड जिंकल्याची पण तानाजी पडल्याची बातमी मिळाली तेव्हा ते म्हणाले ‘एक गड घेतला, परंतु एक गड गेला.’ माघ वद्य नवमी दि. ४ फेब्रुवारी १६७२ च्या रात्री हे युद्ध झाले.